दीवानों की हस्ती
कविता का सार / प्रतिपाद्य –
प्रस्तुत कविता में कवि ने दीवानों की विशेषता बताते हुए कहा है कि दीवाने कभी किसी की नहीं सुनते उनकी अपनी एक अलग दुनिया होती है। उनके लिए अपना-पराया, मित्र…
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दीवानों की हस्ती
कविता का सार / प्रतिपाद्य –
प्रस्तुत कविता में कवि ने दीवानों की विशेषता बताते हुए कहा है कि दीवाने कभी किसी की नहीं सुनते उनकी अपनी एक अलग दुनिया होती है। उनके लिए अपना-पराया, मित्र…
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